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CLUSTER DEVELOPMENT IN RAJASTHAN
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राज्य क्लस्टर विकास कार्यक्रम:
राज्य क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत राज्य में विभिन्न जिला उद्योग केन्द्रों से प्राप्त बेसलाईन सर्वे के आधार पर आयुक्त, उद्योग के स्तर पर क्लस्टर्स का चयन किया जाता है | तदोपरान्त क्लस्टर्स की डायग्नोस्टिक स्टडी एवं डीपीआर तैयार कराई जाकर परियोजना का राज्य स्तरीय क्लस्टर विकास सर्वाधिकार प्राप्त समिति से अनुमोदन कराकर इसका क्रियान्वयन संस्थानों/ एजेंसीयों के माध्यम से कराया जाता है |
वर्ष 2005-06 में 5 क्लस्टर्स क्रमशः कोटा डोरिया क्लस्टर, कैथून (कोटा), चर्म रंगाई एवं चर्म उत्पाद क्लस्टर, बानसूर (अलवर), रंगाई-छपाई क्लस्टर, आकोला (चित्तौड़गढ़), हाथकरघा क्लस्टर, दरीबा (चूरू) एवं मूर्तिकला क्लस्टर, तलवाडा (बांसवाडा) में क्लस्टर विकास गतिविधियां प्रारम्भ की गई है |
वर्ष 2006-07 में 10 क्लस्टर्स क्रमशः चर्म जूती क्लस्टर, भीनमाल (जालोर) जैसलमेर स्टोन्स क्लस्टर, गोटा लूम क्लस्टर, अजमेर, आरी-तारी क्लस्टर, नायला (जयपुर), मूर्तिकला क्लस्टर, गोला का बास (अलवर), टाई एण्ड डाई क्लस्टर, जोधपुर, कांच कशीदा क्लस्टर, धनाउ (बाड़मेर), शहद क्लस्टर, भरतपुर, पोटरी एवं टेराकोटा क्लस्टर, रामगढ़ (अलवर) एवं टेराकोटा क्लस्टर,मोलेला (राजसमन्द) में क्लस्टर विकास का कार्य प्रारम्भ किया जाता है |
वर्ष 2007-08 में 11 क्लस्टर्स क्रमशः गलीचा क्लस्टर, थानागाजी (अलवर), लाख क्लस्टर, स्टोन आर्ट वेयर क्लस्टर, डूंगरपुर, स्टोन क्लस्टर, पिण्डवाडा (सिरोही), टेराकोटा क्लस्टर, सियावा (सिरोही), चर्म उत्पाद क्लस्टर, प्रतापनगर, जोधपुर, कशीदाकारी क्लस्टर, शिव (बाड़मेर), काष्ठ कला क्लस्टर, बस्सी (चित्तौड़गढ़), कशीदाकारी क्लस्टर, पूगल-आडूरी (बीकानेर), अभ्यारण्य उत्पात क्लस्टर, बारां एवं ताल छापर (चूरू) में क्लस्टर विकास गतिविधियां सम्पन्न कराई जा रही है |
वर्ष 2008-09 में 5 क्लस्टर्स क्रमशः आर्टिजन क्लस्टर्स हाथकरघा क्लस्टर राजपुरा पातलवास (जयपुर), मूर्तिकला क्लस्टर छितोली, जयपुर, स्टोन कार्विग क्लस्टर पिचूपाड़ा, दौसा, ब्रासवेयर क्लस्टर बलाहेड़ी, दौसा एवं ऑटो कम्पोनेन्ट क्लस्टर, अलवर का चयन कर क्लस्टर विकास गतिविधियां प्रारम्भ की गई है |
वर्ष 2009-10 में रुडा के माध्यम से 2 क्लस्टर्स क्रमशः टेरा कोटा क्लस्टर, गोगुन्दा-डांगियों की टूस, उदयपुर एवं हैण्ड ब्लाक प्रिंटिंग क्लस्टर, सांगानेर-बगरू, जयपुर में क्लस्टर विकास गतिविधियां संचालित है |
वर्ष 2011-12 में रुडा के माध्यम से 3 क्लस्टर्स क्रमशः चर्म उत्पाद क्लस्टर, किशनगढ़-रेनवाल, जयपुर, कशीदाकारी एवं हस्तशिल्प क्लस्टर, चौहटन, बाड़मेर, कशीदाकारी एवं हस्तशिल्प क्लस्टर, शिव, बाड़मेर में क्लस्टर विकास गतिविधियां प्रारम्भ की गई है |
वर्ष 2012-13 में 3 क्लस्टर्स क्रमशः चर्म क्लस्टर सावरदा, दूदू, जयपुर, टेराकोटा क्लस्टर सागवाडा, डूंगरपुर एवं बांस उत्पाद क्लस्टर, मालिखेड़ा, बांसवाडा में क्लस्टर विकास गतिविधियां प्रारम्भ की गई है |
2013-14 में 5 क्लस्टर्स क्रमशः 1. कोटाडोरिया क्लस्टर, हाडौती क्षेत्र, 2. टेराकोटा क्लस्टर, पोकरण, जैसलमेर, 3. चर्म क्लस्टर, सीकर, 4. टाई एण्ड डाई क्लस्टर, शेखावाटी क्षेत्र एवं 5. चर्म क्लस्टर, धीरोड़ा, अलवर में क्लस्टर विकास गतिविधियों का क्रियान्वयन प्रारम्भ किया जाता है |
2015-16 में कुल 6 क्लस्टर्स में क्लस्टर विकास गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है |
उक्त क्लस्टर्स में स्वयंसेवी संस्थाओ के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों का गठन, कौशल उन्नयन, डिजाईन डवलपमेंट, तकनीकी प्रशिक्षण, मार्केटिंग असिस्टेंट यथा मेलो एवं प्रदर्शनियों में सहभागिता, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन, वेबसाइट क्रिएशन, ब्रोशर एवं पम्प्लेट्स तैयार करना आदि गतिविधियां संचालित की जा रही है | इनमे से 6 क्लस्टर्स में दस्तकारों के लिए कॉमन फेसिलिटी सेंटर्स का निर्माण करवाया जा चुका है तथा एक क्लस्टर में कॉमन फेसिलिटी सेण्टर के भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है |
उक्त क्लस्टर्स में क्लस्टर विकास गतिविधियों के संचालन हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2006-07 में 473.48 लाख रू., वर्ष 2007-08 में 413.32 लाख रू., वर्ष 2008-09 में 177.12 लाख रूपये, वर्ष 2009-10 में 198.54 लाख रू.,वर्ष 2010-11 में 435.03 लाख रू., 2011-12 में 265.00 लाख रू., वर्ष 2012-13 में 171.40 लाख रू., वर्ष 2013-14 में 191.00 लाख रू., एवं वर्ष 2014-15 में 152.00 लाख रू.,एवं वर्ष 2015-16 में 144.00 लाख रू. की राशि उपलब्ध करायी गयी है |
राज्य में क्लस्टर विस्कास कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 44 क्लस्टर्स में विकास गतिविधियां प्रारम्भ की गई थी, जिनमे से 38 क्लस्टर्स की परियोजना अवधि पूर्ण हो चुकी है, शेष 6 क्लस्टर्स विकास गतिविधियां संचालित है | इस कार्यक्रम में राज्य के लगभग 32 से 34 हजार दस्तकार व उद्यमी लाभान्वित होंगे | जिससे उनके सामजिक एवं आर्थिक स्तर में सुधार होगा | इस कार्यक्रम से रोजगार के नये अवसर भी सर्जित होंगे |
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